धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
Lord, when the ocean was churned along with the lethal poison emerged, out within your deep compassion for all, You drank the poison and saved the entire world from destruction. Your throat turned blue, Consequently That you are known as Nilakantha.
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते हैं।
नित्त नेम उठि प्रातः ही, पाठ करो चालीसा।
मात-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
Chanting of Shiva Chalisa is completed because of the devotees as a way to make sure you and acquire the blessings of their beloved deity – Lord shiv chalisa in hindi Shiva.